Retirement से पहले ही NPS से मिलने लगते हैं ये 3 फायदे, कम ही लोग जानते हैं ये बात!
Written By: अनुज मौर्या
Sat, Jun 08, 2024 10:20 AM IST
अगर आप भी रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) करने के बारे में सोच रहे हैं तो एनपीएस (NPS) बहुत ही शानदार स्कीम है. इसमें पैसे लगाकर आपको काफी अच्छा रिटर्न (Return) मिलता है. वैसे तो अधिकतर लोग यही मानते हैं कि एनपीएस में पैसे लगाकर बुढ़ापा के लिए पेंशन (Pension) की गांरटी हो जाती है. लेकिन क्या आप जाते हैं कि जवानी के दिनों में भी एनपीएस आपको कई फायदे देता है. ध्यान रहे, यह फायदे बुढ़ापे में पैसों की चिंता को खत्म करने के साथ-साथ अलग से मिलते हैं. तो आइए जानते हैं एनपीएस से आपको जवानी में होते हैं क्या फायदे.
1/4
1- मिलती है अतिरिक्त टैक्स छूट
अगर बात करें एनपीएस स्कीम की, तो इसमें निवेश किए पैसों पर टैक्स छूट भी मिलती है. यह टैक्स छूट भी मामूली नहीं होती. NPS में निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत टैक्स छूट मिलती है. इसमें भी दो सब-सेक्शन होते हैं- 80CCD(1) और 80CCD(2). इसके अलावा 80CCD(1) का एक और सब सेक्शन होता है 80CCD(1B). 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए की टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. वहीं, 80CCD(2) से इस 2 लाख की मिली छूट के अलावा भी इनकम टैक्स में और छूट ले सकते हैं.
2/4
एंप्लॉयर की तरफ से फायदा
एंप्लॉयर की तरफ से आपके NPS में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके तहत आप अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी तक NPS में निवेश करवा सकते हैं और उस पर आपको टैक्स छूट मिलेगी. वहीं, अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो यह आंकड़ा आपके लिए 14 फीसदी तक हो सकता है. ज्यादातर कंपनियां NPS की सुविधा देती हैं. कंपनी के HR के जरिए आप NPS में निवेश कर सकते हैं. अच्छी बात ये है कि आप अतिरिक्त टैक्स छूट पा सकेंगे. जवानी में आपको टैक्स छूट मिलेगी, मतलब आपके पैसे बचेंगे, जो आपके ही काम आएंगे.
TRENDING NOW
3/4
2- फिजूल में खर्च नहीं होगा पैसा
जब किसी शख्स की नौकरी लगती है तो शुरुआती दिनों में हर कोई पैसे इधर-उधर खर्च करता है. वहीं कुछ साल बाद सभी को यह समझ आने लगता है कि बुढ़ापे में एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए जवानी में ही निवेश करना जरूरी है. वैसे तो निवेश के लिए कई स्कीम और टूल हैं, लेकिन एनपीएस का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें जमा पैसा आप रिटायरमेंट के बाद ही निकाल सकते हैं. मतलब बाकी स्कीम की तरह इसका लॉक-इन पीरियड 5 साल या 15 साल नहीं है, बल्कि 60 साल की उम्र तक है. इस तरह युवाओं को निवेश बुढ़ापे के लिए सुरक्षित रहता है. अगर कम लॉकइन होगा, तो कई बार लोग उन पैसों का इस्तेमाल गाड़ी-घर खरीदने या फिर किसी मेडिकल इमरजेंसी में कर लेते हैं, जिससे बुढ़ापे की सुरक्षा कमजोर हो जाती है.
4/4